By Sumayya Hasan
ये मेरे मुल्क़ को क्या हो चला है
अमन का पेकर हिंदुस्ताँ आज बेसुकून बेकरार हो गया है
चारों ओर शोर गूंजता बस गोलीयों और गालीयों का यहां है
अपने ही हमवतनों को दुश्मन समझ बैठा हर इक इंसाँ यहां है
मज़हबों में बंटे हैं सब , नहीं बचा कोई हिंदुस्तानी यहां है
मुट्ठी भर लोग हैं कोशिश जो कर रहे हैं राह सबको दिखाने की
तनाज़ये इतने हैं के उन्हीं को दुश्मन ज़माना समझ रहा है
सियासत के इस खेल में मेरा मुल्क़ जल रहा है।।
बस करो ये लड़ाईयां
मेरे वतन का सुकून लौटा दो
वो पुर अमन फ़ज़ा लौटा दो
सियासत के इन चक्करों से निकल
मुझे मेरा हिंदुस्ताँ लौटा दो
वो के जिसका पूरी दुनिया में बोलबाला था
वो चमन लौटा दो
हर मज़हब के लोग हैं यहां के शहरी
मुझे बस वो भाईचारा लौटा दो
ना हो किसी को महसूस कभी ग़ैर महफ़ूज़ यहां
मुझे बस वो ग़ुरूर लौटा दो
आपस में रहे थे जैसे हमेशा
आज़ादी के वक्त जैसी हवा लौटा दो
वो पुर अमन फ़ज़ा लौटा दो
वो पुर अमन फ़ज़ा लौटा दो
मुझे मेरा हिंदुस्ताँ लौटा दो।।
Thank you everyone
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