Sukanya Mukherjee
मैंने बहुत सोचा
पर मेरा और कोई विकल्प नहीं
दूर जाने से
अनजाने
तो बनते नहीं
न भूलते हैं
दिलों की गरमाहट
तुम्हारे होने के सुकून से
तुम्हारे न होने वाले
दिन भी गुज़रजाते हैं
मैंने बहुत रोका
पर मेरा और कोई विकल्प नहीं
तुमसे इश्क़ करने के सिवा
कोई विकल्प नहीं
यह इश्क़ निभाने के सिवा
तुम्हारे होने के सुकून से का क्या विकल्प है ?????????
Nice poem, there’s so much honest emotion in it!