By Ruppesh Nalwaya
( तुम कायर हो तो वार करो,
चाहे जितना अत्याचार करो | ) x 2
टूटेगी ना ये आवाज़, है बुलंद,
जिस भी औज़ार से तुम प्रहार करो,
तुम कायर हो तो वार करो |
( हम ना हिचकेंगे, ना बिखरेंगे,
और मज़बूत हो कर उभरेंगे | ) x 2
अब पीछे ना हट पाएंगे,
भले ही सौ ज़ुल्म करो,
तुम कायर हो तो वार करो |
( हम को भरोसा है 'सच' में,
ना किसी का डर हम में | ) x 2
बातें घुमाना हमें आता नहीं,
जो कहना है साफ़ कहो,
तुम कायर हो तो वार करो |
( झूठ के पहरेदारों को,
दमनकर्ता के यारों को, ) x 2
मैं आँख मिला कर कहता हूँ,
थोड़ी सी तो शरम करो,
तुम कायर हो तो वार करो |
( जो भी है सब न्योछावर है,
मेरा इंक़लाब ही दिलबर है | ) x 2
हम निहत्थे ही आएंगे,
और होगी ये ललकार अहो,
तुम कायर हो तो वार करो | x 2