मुझे उड़ना पसंद है, पर पंख नही है,
फिर भी हवा से बातें बनानी है।
थोड़ी दिक्कत है, पर मुझमे शक्तियां कम नहीं है.
इधर उधर जाना, बातें बनाना,
हँसते हँसते रो जाना, या रोते रोते हँस जाना।
ये तो बचपना सब करते हैं, जिनका कोइ अंत नहीं है।
मुझे तो हवा से बाते बनानी है,
बादल ओर हवा की जोड़ी भी बनवानी है।
थोड़ी शक्तियां हैं और महाशक्तियां लानी है
ढेर सारी उम्मीदो के साथ, बादलों मै छलाँग लगानी हैं।
आज मैं उडी़ थी वेसे, ज्यादा उपर नहीं,
मानो कुर्सि से जमीन की दुरी हो जेसे।
कुछ समय कि दुरी है,
फिर बात बन जानी है।
मुझे उड़ना पसंद है, पर पंख नहीं है,
फिर भी हवा से बातें बनानी है।
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This poem won in Instagram Weekly Contest held by @delhipoetryslam on the theme 'My Superpower'
Wow it’s amazing ❤❤
Babe you’re killin’ it ♥️
beautiful lines.. 👌🏻👌🏻
U should write a book
Amazing 😍😍