By
Abhishek Patel
चलो बहोत कर लिया काम
करते है अब थोड़ा आराम
कुदरत ने शुरू किया है ये अभियान
अपनों के साथ रहना हो गया है आसान
कौन किसकी मदद करे
सब लोग खुद ही की मरम्मद करे
थोडा ज्यादा हाथ धोये
थोडा ज्यादा पानी पिये
ओर थोडी ज्यादा किताबे पढ़े
शायद पता अब चला है
की हाथ ना मिलाये
मिलाना है तो फिरसे
लोगो से अपना दिल मिलाये
थोडा वक़्त मिला है
अपनों का ओर बाकि सबका
शुक्रियादा करने का मौका मिला है
हा माना है की इंसान ही है
कुदरत का सबसे बेहतरीन अविष्कार
उसी आड़ मे करने चले थे
हम कुदरत का ही बहिष्कार !
करके ये इश्तहार
बता दिया है उसने
की न कर तू इतना अहंकार
वरना ऐसे ही हो जायेगा तू गिरफ्तार
चाहे कितना आगे बढ़ जाये ओर
प्रौद्योगिकी की करदे मशाले कायम
पर भूल जाये तू कुदरत का क़र्ज़
निकालेगा वो भी तुरुप का पत्ता
दिखायेगा किसकी है अभी भी सत्ता
फिर ना कहना की "लगा स्वाद खट्टा !!!"