हम तो एक हैं – Delhi Poetry Slam

हम तो एक हैं

भारत नहीं सिर्फ एक देश,
यह है हमारे प्यार की मूरत
सब खुश हो यहा,
यही होती सभी की मन्नत।
त्यौहार हो या दैनिक चर्चा,
हमारे यहाँ सब के हाथों में एक ही पर्चा
खुश रहे मेरा वतन, खुश रहे मेरे भाई 
हम तो एक हैं, क्यों कोई झगड़ा लड़ाई।
यहाँ शर्मा जी भी मानते है ईद
नवरात्रि में चाची का हाथ बटाते,
प्यारे भाईजान रशिद
दास चाची बनाती खीर,
डिसूजा चाची बनाती है असमी पिठा
जब सोधी भाई चखते,
वे कहते "अरे भाभी जी!!!दिल खुश कर दित्ता!!"
शादी के हो ढोल,
या किसी जशन के नगाड़े
भारत में तो है बस एकता से मतलब,
साथ हम खुशी मनाएँ।
यहाँ बेटियों का श्रृंगार,
नहीं सिर्फ चूडी पायल 
जंग के मैदान में दुश्मनो को धूल चटाकर,
वे भी होती हैं घायल। 
खुशी मनाकर, दर्द बाटना नहीं भूलेंगे
हमारा कोई भाई बाढ़ में डूबे, यह हम होने नहीं देंगे।
चाहे आए भूकंप, गीर पडे पर्वत विशाल
हम तो एक हैं, कुछ न कर पाए हमारा बाका बाल।।
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This poem won in Instagram Weekly Contest held by @delhipoetryslam on the theme 'Indianess'

3 comments

  • Thank you so much @Abismita @Vrinda❤❤❤❤Such appreciations are love🌹

    Pratiksha
  • Every line is written so beautifully.

    Vrinda
  • Love your lines, it’s too good

    Abismita

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