By Sweta Jain

राहुल का 20वा जन्मदिन आने वाला था,
हर जन्मदिन पर शर्मा जी अपने बेटे को अनोखा तोहफा जरूर देते थे,
इस बार भी बातों ही बातों में राहुल ने इशारा कर दिया था कि उसे क्या चाहिए,
और शर्मा जी समझ भी गए थे,
सोच लिया था कि इस बार अपने बेटे का जन्मदिन जरूर यादगार बनाएंगे।
और राहुल का जन्मदिन आ ही गया।
सुबह मम्मी पापा का आशीर्वाद लेकर,
जब राहुल कॉलेज के लिए निकला,
तो बाहर खड़ी बाइक को देखकर हैरान हो गया,
कसकर गले लग गया अपने पापा को,
कहने लगा,"Papa, you are the best."
शर्मा जी बस मुस्कुरा गए,
अपने बेटे के चेहरे पर खुशी देखकर,
जो तस्सली उन्हें हुई थी,
उसे शायद वो शब्दों में बयां नहीं कर सकते थे।
उसी दिन शाम को,
शर्मा जी को अंजान नंबर से फोन आया,
उन्होंने उठाया,तो उस अंजान व्यक्ति ने पूछा,
"क्या आप राहुल शर्मा के पिताजी है?"
उन्होंने सिर्फ हा में जवाब दिया,
अनहोनी कि आशंका तो उन्हें हो ही गई थी,
लेकिन ये नहीं पता था कि,
वो अंजान आवाज़ सुनकर,
उनके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।
शर्मा जी दौड़ते हुए अस्पताल पहुंचे,
डॉक्टर ने कहा,
"हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे है।"
ऑपरेशन थियेटर के बाहर खड़े,
उनके आंखों से आसुं नहीं रुक रहे थे,
मन में भगवान से भीख मांग रहे थे,
चाहते थे कि जो कुछ भी हुआ है,
वो एक बुरा सपना हो,
लेकिन वो शायद हकीकत था।
तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद,
डॉक्टर ने बाहर आकर वो तीन शब्द कहे,
जो कोई सुनना नहीं चाहता,
"। am sorry!
सिर पर गहरी चोट लगी थी,
बाइक चलाते वक्त हेलमेट लगाया होता,
तो शायद आज वो बच पाता।"
आज राहुल का 21वा जन्मदिन है और पहली पुण्यतिथि है,
आज शर्मा जी राहुल के चेहरे पर वो खुशी नहीं देख पाएंगे,
आज भी शर्मा जी यही सोचते है की,
काश!
उन्होंने उस दिन बाइक के साथ तोहफे में हेलमेट भी दिया होता,
तो शायद आज राहुल उनके साथ हो