By Navneet Bhaskar
हर घर की कहानी, लोग क्या कहेंगे?
सबसे बड़ी परेशानी, लोग क्या कहेंगे?
जब बच्चे के नम्बर पड़ौसी के बच्चे से कम आते हैं,
माँ बाप एक ही बात बार बार सुनाते हैं,
पढ़ते नहीं हो तुम, लोग क्या कहेंगे?
इस पुरुष प्रधान देश में जब पति पत्नी संग काम में हाथ बटाता है,
ज़माना अकसर उसे जोरू का गुलाम बताता है,
घर वाले उसको एक ही बात समझाते हैं,
ये तुम मत करो, लोग क्या कहेंगे?
जब लड़की ऊंचा मुकाम हासिल कर जाती है,
बेटों से बढ़कर खानदान का नाम चमकाती है,
पर जब वो अपनी पहचान बनाना चाहती है,
ज़माने से हट कर कुछ अलग करना चाहती है,
पहला सवाल एक ही आता है,
घर कौन संभालेगा, लोग क्या कहेंगे?
जब ज़िन्दगी में कोई पसंद आ जाता है,
दिल उसे हमसफ़र बनाना चाहता है,
और जाति-पाति आपस में मेल नहीं खाते हैं,
इज्जत की आड़ में अकसर बहाने बनाए जाते हैं,
रिश्तेदार एक ही बात पे अड़ जाते हैं,
ऐसा नहीं हो सकता, लोग क्या कहेंगे?
कमाओगे नहीं तो लोग क्या कहेंगे?
मुस्कुराओगे नहीं तो लोग क्या कहेंगे?
जो पीछे रह गए तो लोग क्या कहेंगे?
शादी नहीं होगी तो लोग क्या कहेंगे?
रात को देर तक बाहर रहोगे तो लोग क्या कहेंगे?
ऊफ़ ये सदियों पुराना ताना,
बातों को ना मानने का फिर वही बहाना, लोग क्या कहेंगे?
छोड़ो ये सब लोगों की बातों को,
वो तो खुद मशरूफ हैं ये सोचने में कि न जाने लोग क्या कहेंगे?
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This poem won in Instagram Weekly Contest held by @delhipoetryslam on the theme 'What will people say / Log kya kahenge'
vaqhgOfSVo
KslCMnumVOQkaphJ
True Lines👍
Amazing mam👌👌
Absolutely ryt😚👌👌… True story of life….
absolutely ryt👌👌..
Beautiful
Behadd umdah👌
covers all issues….good one mam❤️👌🏽
Amazing👌🏻👌🏻👌🏻
Very nice mam
Very nice poem di…. its completly match with real life