माफी

बहुत रूलाया, वज़ह बेवज़ह कई दफा दिल भी दुखाया। 
मेरी गलतियां देख आप खफ़ा हो जाते हो, 
डांटते भी हो पर कभी कभी खामोश भी हो जाते हो। 
आपकी खामोशी मुझे विचलित कर जाती है, 
जो आप रोए मेरी आंखें भर आती हैं। 
आप बड़ी बहन के जैसे मेरा ख्याल रखते हो,
 मेरी हर ज़रूरत पूरा करने का निस्वार्थ भाव रखते हो। 
मेरी आँखे पढ़ कर आप सब समझ जाते हो, 
हो कभी दूर तब भी सब जान जाते हो। 
मैं कुछ बातें अकसर आपसे छुपाता हूँ, 
हैरान हूँ मगर बिन कहे आप सब समझ जाते हो। 
आप मुझे मेरी माँ के जैसे प्यारी हैं, 
आपकी सारी बातें इस जग से न्यारी हैं। 
आप जब प्यार लुटाती हो तो मैं हर गम भूल जाता हूँ, 
समय की कमी है पर बहुत सी बातें करना चाहता हूँ। 
आपका और मेरा साथ विजय का इतिहास बताता है, 
आपका ख्याल मुझे नई ऊर्जा दे जाता है। 
आप खुदा के जैसे हर पल मेरे साथ रहती हैं, 
आंखे बंद करूँ तो आपकी सूरत बन जाती है। 
मेरी परिस्थितियां आपसे दूरी बढ़ाती हैं, 
यही बातें अकसर आपको उदास कर जाती हैं। 
चुपके से रोते हो, इंतज़ार भी करते हो, 
सबसे ज्यादा आप मुझसे प्यार करते हो। 
अपने आशीष से आप मुझपर दुआएं लुटाते हो, 
काला टीका लगा मेरी बलाएँ हटाते हो। 
आपका हर इक लफ्ज़ मेरे ज़हन में रहता है, 
आपका मुझे अपना बेटा कहना मुझे खास कर देता है। 
मेरी हर गलती के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूँ, 
ज़ाहिर नहीं कर सकता पर पूरी जिंदगी मैं आपका साथ चाहता हूँ। 
हर जन्म आप मेरे गुरु बनना, उस रब्ब से बस यही शुभ आशीष चाहता हूँ। 
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This poem won in Instagram Weekly Contest held by @delhipoetryslam on the theme 'My Sincerest Apologies' 

55 comments

  • ✌✌✌✌🙆🙆🙆🙆🙏
    Well done Mam

    Sumit Sharma
  • Beautiful poem👌👌

    Komal sharma
  • Osm lines 👌🏼👌🏼👌🏼

    Kiran
  • emotions in words are truly depicted here
    beautiful

    Shivani Singh
  • This is the most beautiful poem i have ever read regarding ‘guru’. Beautiful written.. ❤️ lots of love!!

    Pushpinder

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