माँ

By Ria Kumar

 

माँ, प्यार का है दूसरा नाम

है यह मेरे दिल की जान

यूँ तो है मामूली इंसान

पर मेरे लिए किसे हीरे से कम नही

ऐ माँ तुझे सलाम

ऐ माँ तुझे सलाम

 

सच तुझसे ना छिपे

झूठ कोई बोल ना सके

तू ही मेरे जीने का सहारा

तेरे बिन सुना लगे जग सारा

जब हर मोड़ पे मैं हारा

तब, माँ मैने तुम्हे पुकारा

 

तेरी गोद में ही बस जाऊँ

नये नये सपने सजाऊँ

उन्हे पूरा करती जाऊँ

ताकि तुझे मुस्कुराता देख पाऊँ

 

ऐ माँ ,तू कितनी अच्छी है

ऐ माँ ,तू कितनी सच्ची है

फिर भी, मैं तुझसे रूठ जाती हूँ

पर , मेरी एक मुस्कान के लिए

तू  दिन  रात मेहनत करती है

और खुद रो मुझे हँसता देख

तेरे अंदर खुशी झलकती है

ऐ माँ तू कितनी अच्छी है

ऐ माँ तू कितनी अच्छी है

 

तेरा  चेहरा  देख मेरी  ज़िंदगी  खुशनसीब है

एक तू ही मेरे इतने करीब  है

तू वो है जो अनकही बाते सुन ले

तू वो है जो अपनी ज़िंदगी दुखो से भर ले

तू वो है  जो प्यार से हर मुश्किल  आसान कर ले

ऐ माँ तू तो चाँद है जो

इस दुनिया को रोशनी से भर दे

 

हर वक्त मेरे मुख पर तेरा ही नाम

ऐ माँ तुझे सलाम

ऐ माँ तुझे सलाम

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This poem won in Instagram Weekly Contest held by @delhipoetryslam on the theme 'My Superpower'

1 comment

  • Amazing 🌼

    SHRADDHA SHARMA

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