आईना – Delhi Poetry Slam

आईना

By Monika Bararia

अंदाज दिल का बयान नहीं होता एक आईना ही है जिससे कुछ छुपा नहीं होता,
आईना तसंबुर जो तन्हा नहीं होता अपना चेहरा ही देखो जिसे कुछ छुपा नहीं होता, 
आंखों में छुपा दर्द आईने से जुदा नहीं होता आईना ही है जो कभी हमसे खफा नहीं होता, 
तस्वीर देखते हैं आईने में तो तस्वीर नजर आती है बस आईना ही है जिसमें छुपी हुई तकदीर नजर आती है


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